
के डी अब्बासी
कोटा 18 जुलाई। कोटा शहर में कांग्रेस की गुटबाजी के चलते शाम को धारीवाल समर्थ और रविन्द्र त्यागी समर्थक कार्यकर्ता कोटा कलेक्ट्री पुलिस चौकी के मुख्य द्वार पर दोनों आपस में भीड़ गए और गली गलौज से शुरू हुआ विवाद एक दूसरे को मारने पीटने तक की नौबत आ पहुंची लेकिन मौके पर मौजूद कलेक्ट्री पुलिस ने दोनों को अलग अलग कर दिया। बाद में रविन्द्र त्यागी समर्थक कांग्रेस कार्यकर्ता को नयापुरा पुलिस ने बंद कर दिया जिससे नयापुरा थाने पर हंगामे की स्थिति पैदा हो गई।
यह था मामला
पूर्व मंत्री शांति धारीवाल के समर्थक अभिमन्यु सुराणा को कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रविंद्र त्यागी को जान से मारने की धमकी देने के मामले में गिरफ्तार किया गया है. यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो से जुड़ा है, जिसमें अभिमन्यु ने रविंद्र त्यागी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए धमकी दी थी। अभिमन्यु सुराना को पुलिस पकड़कर कार से कलेक्ट्री लाई थी शायद इसी बात से खफा रविंद्र त्यागी समर्थक कांग्रेस कार्यकर्ता ने कुछ कहा सुनी की जिससे धारीवाल समर्थक कांग्रेस कार्यकर्ता और रविन्द्र त्यागी समर्थक में झगड़े की स्थिति पैदा हो गई थी। कांग्रेस नेता क्रांति तिवारी की सलाह कोटा कांग्रेस की राजनीति पर चल रहे घटनाक्रम में कांग्रेस के मासूम कार्यकर्ताओं और समर्थकों से एक आग्रह है कि आप आपस में संबंध खराब मत करो नेता आगे पीछे सब एक हो जाते है उस समय आपको आपस में नजरें मिलाने में झेंप आती है कोई किसी से मत बिगाड़ो नेता खुद काबिल है अपनी लड़ाई लड़ने में समर्थक होना अच्छी बात है पर समझो मेरे साथियों को भी यही राय देता हूं, मुझे तो मेरी लड़ाई लड़ना आता है, समर्थकों के कंधे पर बंदूक रखकर चलाने वाला कभी अच्छा नेता नहीं होता । कांग्रेस नेता अनिल आनंद की सलाह मेरी बात सिर्फ सलाह नहीं, एक सच्चे सिपाही का तजुर्बा है राजनीति आएगी-जाएगी, पर अपने लोग अगर टूट गए तो कुछ नहीं बचेगा नेता तो कल एक मंच पर साथ खड़े हो जाएंगे, पर समर्थकों के बीच की दूरी हमेशा खटकती है जो अपनी लड़ाई खुद लड़ना जानता है, वही असली नेता होता है और जो अपनों को जोड़कर रखे, वही बड़ा इंसान होता है। मेरा यह संदेश सिर्फ शब्द नहीं, जागरूकता की मिसाल है